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परिचय
बिजली का झटका लगना या करंट लगना, जिसे इलेक्ट्रिक्ल शॉक भी कहा जाता है, बड़ी आम सी बात है। हमारे आस-पास ऐसे कई प्रकार के उपकरण होते हैं जिनसे हमें करंट लगने की आशंका होती है। यह साधारणतः उतना हानिकारक नहीं होता परन्तु कभी-कभी इलेक्ट्रिकल शॉक के गंभीर परिणाम हो सकते हैं इसलिए हर व्यक्ति को इस विषय में सचेत रहने की आवश्यकता है। इस लेख में बिजली के झटके के विषय में विस्तार से बताया गया है।
करंट लगना क्या होता है?
बिजली का झटका तब लगता है जब कोई व्यक्ति विद्युत ऊर्जा (करंट) के किसी स्रोत के संपर्क में आता है। विद्युत ऊर्जा शरीर के किसी एक हिस्से से गुज़रती है और सदमे का कारण बनती है। विद्युत ऊर्जा के सम्पर्क में आने के परिणामस्वरूप हो सकता है कोई क्षति न हो मगर कई बार इससे गंभीर क्षति या मृत्यु भी हो सकती है। जलना बिजली के झटके से होने वाली सबसे आम क्षति है।
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₹719 ₹799 10% छूटकरंट लगने के लक्षण क्या हैं?
जिस व्यक्ति को बिजली का झटका लगता है, हो सकता है उसके शरीर पर गंभीर रूप से जलने के स्पष्ट निशान हों या ऐसा भी हो सकता है कि शरीर पर कोई प्रत्यक्ष चोट न हो। दूसरी ओर, बिजली का झटका लगने के बाद कुछ लोगों को कार्डियक अरेस्ट भी हो सकता है। अगर करंट लगने से कोई व्यक्ति जल जाता है, तो जलने के घाव आमतौर पर बिजली के स्रोत और जमीन के संपर्क में आये हिस्सों पर सबसे गंभीर होते हैं।
बिजली के झटके से मांसपेशियों में गंभीर संकुचन होता है। इससे हाथ या पैर में दर्द या शरीर के किसी हिस्से की विकृति हो सकती है जो टूटी हुई हड्डी का संकेत हो सकती है। अगर बिजली के झटके से होने वाले मांसपेशी संकुचन के कारण व्यक्ति विद्युत (करंट) स्रोत से दूर जाकर गिरता है तो जलने के अलावा अन्य चोटें भी संभव हैं। रीढ़ की हड्डी की चोट की आशंका हो सकती है। यदि वह व्यक्ति सांस फूलना, छाती में दर्द या पेट दर्द का सामना कर रहा है तो हो सकता है उसे आंतरिक चोटें आई हों।
डॉक्टर को कब दिखाएं?
बिजली का हाई वोल्टेज का झटका लगने के तुरंत बाद अस्पताल के आपातकालीन विभाग में दिखाएं। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसका तुरंत उपचार किया जाना चाहिए।
अगर कम वोल्टेज का झटका लगा है तो इन परिस्थितियों में डॉक्टर को दिखाएं:
बिजली का झटका क्यों लगता है?
कई बिंदु ये निर्धारित करते हैं कि बिजली के झटके से यदि कोई चोट पहुँचती है, तो वो क्या और किस प्रकार की हो सकती हैं। इनमें करंट का प्रकार (एसी या डीसी), करंट की मात्रा (स्रोत के वोल्टेज और ऊतकों के प्रतिरोध द्वारा निर्धारित), और शरीर का वो क्षेत्र जिससे बिजली गुज़री है के शामिल होते हैं। कम वोल्टेज की बिजली आमतौर पर गंभीर चोट नहीं पहुंचाती है। उच्च वोल्टेज की बिजली के संपर्क में आने से गंभीर क्षति होने की आशंका होती है।
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करने जा रहे हैं जिसने उच्च वोल्टेज का झटका लगा है, तो आपको सावधान रहना होगा कि आप भी उस का शिकार न बन जाएं। यदि कोई हाई वोल्टेज लाइन जमीन पर गिर गई है, तो उसके छोर से फैलता हुआ करंट का एक चक्र हो सकता है। आप विद्युत् विभाग को तुरंत सूचित करें जिससे करंट बंद हो सके। यदि कोई व्यक्ति ऊंचाई से गिरता है या एक बिजली के तेज़ झटके का शिकार बनता है तो उसकी गर्दन में गंभीर चोट हो सकती है। उस व्यक्ति को बड़ी सावधानी से हिलाया जाना चाहिए।
बच्चे अक्सर बिजली के झटके से गंभीर रूप से घायल नहीं होते। वे सामान्य घरों के कम वोल्टेज के झटके से ही ग्रस्त होते हैं।
ज़्यादातर किशोर और वयस्क ही उच्च वोल्टेज के झटकों का शिकार होते हैं।
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₹599 ₹850 29% छूटबिजली के झटके से कैसे बचें?
करंट संबंधी चोट से बचने के उपाय मुख्य रूप से लोगों की उम्र पर निर्भर करते हैं।
12 साल से कम उम्र के बच्चों को अधिकांश बिजली के झटके, बिजली की तारों के संपर्क में आने से लगते हैं:
12 साल से अधिक उम्र के बच्चों में, अधिकांश विद्युत संबंधी चोटों का कारण उच्च विद्दुत प्रणालियों के आसपास गतिविधियां करना होता है। किशोरावस्था के बच्चों को समझाएं कि उन्हें बिजली टावरों पर चढ़ने, ट्रांसफॉर्मर सिस्टम के पास खेलने जैसी गतिविधियां नहीं करनी चाहिए।
वयस्कों को, सामान्य ज्ञान का उपयोग बिजली के झटकों से बचा सकता है। बिजली संबंधी कार्य करने वाले लोगों को हमेशा विद्युत प्रणालियों पर काम करने से पहले बिजली बंद कर देनी चाहिए। पानी के पास किसी भी बिजली के उपकरण के उपयोग से बचें। बिजली का काम करते समय पानी में न खड़े हों।
बाहर आंधी आने व बिजली कड़कने के दौरान सावधानी बरतें। एक मजबूत इमारत में आश्रय की तलाश करके या पेड़ और मेटल (धातु) की वस्तुओं से दूर रह कर खुद को बचाया जा सकता है।
करंट लगने का परीक्षण कैसे होता है?
डॉक्टर की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई अदृश्य चोट मौजूद है या नहीं। बिजली के झटके से मांसपेशियों, दिल, मस्तिष्क हड्डियों या अन्य अंगों क्षति हो सकती है।
डॉक्टर चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण के आधार पर विभिन्न परीक्षण करवाने के लिए कह सकता है। निम्न में से कोई भी टेस्ट किया जा सकता है :
करंट लगने का क्या इलाज है?
उपचार जलने से हुए घावों की गंभीरता या अन्य चोटों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
जलने के घावों का गंभीरता के अनुसार इलाज किया जाता है:
अन्य चोटों के इलाज की भी आवश्यकता हो सकती है:
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जिस व्यक्ति को करंट लगता है यदि उसे तत्काल कार्डियक अरेस्ट नहीं होता है और जलने से गंभीर घाव नहीं होते हैं, तो उसके जीवित रहने की बहुत संभावना होती है।
बिजली के झटके के बाद अस्पताल में भर्ती लोगों में संक्रमण मौत का सबसे आम कारण है, लेकिन ऐसा कम ही होता है।
मस्तिष्क को विद्युत क्षति के कारण अवसाद, दौरे पड़ना, चिंता, या अन्य व्यक्तित्व परिवर्तन हो सकते हैं।
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